हिन्दू नववर्ष 2079 । नववर्ष प्रतिपदा । Hindu Nav Varsh in Hindi । Vikram Samvat 2079

 

Hindu Nav Varsh in Hindi

हिंदू धर्म के अनुसार हिंदू वर्ष का चैत्र महीना बहुत ही खास होता है क्योंकि यह माह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र माह से हिंदू नववर्ष का प्रारम्भ होता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि हिंदू नववर्ष का पहला दिन माना जाता है। चैत्र प्रतिपदा तिथि को कहीं-कहीं गुड़ी पड़वा भी कहा जाता हैं। इसके अलावा इस तिथि पर चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होती है।

 

BHITOLI (भिटौली) : एक परंपरा अपने परिवारजनों के इंतज़ार की | BHITOLI : A TRADITION OF UTTARAKHAND 

 

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को नववर्ष प्रतिपदा, उगादि और गुड़ी पड़वा कहा जाता है। वैसे तो पूरी दुनिया में  अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नया साल जनवरी के महीने से शुरू हो जाता है, लेकिन वैदिक हिंदू परंपरा और सनातन काल गणना में चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर नववर्ष की शुरुआत होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी ने समस्त सृष्टि की रचना की थी, इसी कारण से हिंदू मान्यताओं में नए वर्ष का शुभारंभ होता है।

हिंदू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है। इस साल हिंदू नववर्ष (Hindu Nav Varsh) का प्रारंभ 02 अप्रैल दिन शनिवार से हो रहा है। हिंदू नववर्ष को विक्रम संवत या नव संवत्सर कहते हैं।

इसका प्रारंभ सम्राट विक्रमादित्य ने किया था, जो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरु होता है। इस बार 02 अप्रैल को हिंदू नववर्ष 2079 (Hindu Nav Varsh 2079) या विक्रम संवत 2079 (Vikram Samvat 2079) का प्रारंभ होगा। हिंदू नववर्ष को विक्रम संवत, नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा, उगादी आदि नामों से भी जाना जाता है।

 

 

नववर्ष प्रतिपदा । Hindu Nav Varsh in Hindi

 

चैत्र का महीना जोकि हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है यह होली के त्योहार के बाद शुरू हो जाता है। यानि फाल्गुन पूर्णिमा तिथि के बाद चैत्र कृष्ण प्रतिपदा लग जाती है फिर भी उसके 15 दिन बाद हिंदू नववर्ष मनाया जाता है। आखिर इसके पीछे क्या तर्क है।

दरअसल चैत्र का महीना होली के दूसरे दिन ही शुरू हो जाता है, लेकिन यह कृष्ण पक्ष होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष पूर्णिमा से अमावस्या तिथि के 15 दिनों तक रहता है और कृष्ण पक्ष के इन 15 दिनों में चंद्रमा धीरे-धीरे लगातार घटने के कारण पूरे आकाश में अंधेरा छाने लगता है।

 

Harela : Uttarakhand Traditional Festival | हरेला : प्रकृति पूजन का लोकपर्व | हरेला : उत्तराखंड का लोकपर्व

 

सनातन धर्म का आधार हमेशा अंधेरे से उजाले की तरफ बढ़ने का रहा है यानि ” तमसो मां ज्योतिर्गमय्। “ इसी वजह से चैत्र माह के लगने के 15 दिन बाद जब जब शुक्ल पक्ष लगता और प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष मनाया जाता है। अमावस्या के अगले दिन शुक्ल पक्ष लगने से चंद्रमा हर एक दिन बढ़ता जाता है जिससे अंधकार से प्रकाश होता जाता है।

अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास मार्च महीने के अंत या अप्रैल महीने के प्रथम सप्ताह में आता है। इस दिन को महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा तथा आंध्र प्रदेश में उगादी पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।

चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत ( हिन्दू नववर्ष ) की शुरुआत, भगवान झूलेलाल की जयंती, चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ, गुड़ी पड़वा, उगादी पर्व मनाए जाते हैं।

हिंदू नववर्ष से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें निम्न प्रकार है :-

  • पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, विक्रम संवत के प्रथम दिन ब्रह्मा जी ने इस सृष्टि की रचना की थी।कहा जाता है कि प्रभु श्रीराम एवं धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी विक्रम संवत के प्रथम दिन हुआ था। हिंदू नववर्ष के प्रथम दिन से ही नया पंचाग शुरू होता है।
  • विक्रम संवत की प्रत्येक तिथि अर्थात दिन की गणना सूर्योदय को आधार मानकर किया जाता है। हिंदू कैलेंडर का हर दिन सूर्योदय से शुरु होता है और अगले सूर्योदय तक मान्य होता है।
  • विक्रम संवत के एक माह के दो हिस्से हैं। पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष। 15 दिनों का एक पक्ष होता है। कृष्ण पक्ष का 15 दिन अमावस्या और शुक्ल पक्ष का 15वां दिन पूर्णिमा होती है।
  • विक्रम संवत कैलेंडर अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है।
  • कहा जाता है कि महर्षि दयानंद द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि पर किया गया था।
  • शास्त्रों के अनुसार सभी चारों युगों में सबसे पहले सतयुग का प्रारम्भ इसी तिथि यानी चैत्र प्रतिपदा से हुआ था। यह तिथि सृष्टि के कालचक्र प्रारंभ और पहला दिन भी माना जाता है।
  • चैत्र प्रतिपदा नवरात्रि पर शक्ति की आराधना और साधना की जाती है। इसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। नवमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्मोत्सव और फिर चैत्र पूर्णिमा पर भगवान राम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान की जयंती मनाई जाती है।
  • चैत्र माह की प्रदिपदा तिथि पर ही महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिन,माह और वर्ष की गणना करते हुए हिंदू पंचांग की रचना की थी। इस तिथि से ही नए पंचांग प्रारंभ होते हैं और वर्ष भर के पर्व, उत्सव और अनुष्ठानों के शुभ मुहूर्त निश्चित होते हैं।

 

Migration | पलायन-एक दंश | MIGRATION PROBLEM IN HINDI

 

Hindu Nav Varsh in Hindi । Vikram Samvat 2079 । Hindu Nav Varsh 2079 । Hindu New Year 

 

यह भी पढ़े | ALSO READ  :-

 

विविधता में एकता का प्रतीक : मकर संक्रांति महापर्व। MAKAR SANKRANTI FESTIVAL IN HINDI। SANKRANTI IN HINDI। WHAT IS SANKRANTI IN HINDI? IMPORTANCE OF MAKAR SANKRANTI FESTIVAL IN HINDI

 

Harela : Uttarakhand Traditional Festival | हरेला : प्रकृति पूजन का लोकपर्व | हरेला : उत्तराखंड का लोकपर्व

 

चार धाम यात्रा | उत्तराखंड चार धाम | Char Dham Yatra in Hindi | Uttarakhand Char Dham Yatra in Hindi

 

पहाड़ो का दरकना : एक भयावह आपदा का संकेत | Mountain Crevice in Hindi | Pahad Tut Rahe Hai

 

सांस्कृतिक धरोहर नौला | NAULA UTTARAKHAND IN HINDI

 

उत्तराखंड का राज्य वृक्ष बुरांश | BURANSH STATE TREE OF UTTARAKHAND| FLOWERS OF BURANSH

 

BHITOLI (भिटौली) : एक परंपरा अपने परिवारजनों के इंतज़ार की | BHITOLI : A TRADITION OF UTTARAKHAND 

 

Migration | पलायन-एक दंश | MIGRATION PROBLEM IN HINDI

 

Kaafal (काफल) : उत्तराखंड का दैवीय गुणों वाला फल।

 

 

HKT BHARAT YOUTUBE CHANNEL 

FACEBOOK

KOO APP

INSTAGRAM 

PINTEREST

TWITTER

HKT BHARAT YOUTUBE CHANNEL